मंत्री कमल पटेल ने कहा कि, इस हादसे में आरटीओ अफसर की लापरवाही सामने आई है। विभाग को ओवरलोडिंग बसों की चेकिंग करना चाहिए थी। 35 सवारी की जगह बस में 67 सवारी बस में सवार थी, जिसका नतीजा 22 लोगों को जान गवाकर भुगतना पड़ा। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है। घायलों को 50-50 हजार और हादसे में जान गवाने वालों के परिजन को 4 – 4 लाख रुपए मुआवजा राशि सरकार की ओर से दी जाएगी।
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घायलों से मिलने अस्पपताल हुंचे प्रभारी मंत्री
आपको बता दें कि, मां शारदा ट्रैवल्स की बस इंदौर जा रही थी। इसी दौरान डोंगरगांव और दसंगा के बीच बस बोराड़ नदी पर बने पुल की रेलिंग तोड़कर बस नीचे जा गिरी। हादसे में अब तक 22 यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है। वहीं, करीब 25 से अधिक यात्री घायल हैं। इनमें से 12 की हालत गंभीर होने के कारण इंदौर रेफर किया गया है। ये दर्दनाक हादसा मंगलवार की सुबह साढ़े आठ से 9 बजे के बीच हुआ है।
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लापरवाही सामने आने के बाद ये RTO अफसर सस्पेंड
वहीं, दूसरी तरफ मामले पर परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि, शुरुआती जांच में सामने आया कि, बस की स्पीड तेज नहीं थी। पुल का सकरा होना हादसे का कारण बना है। बस का फिटनेस जांच बी हुई, जिसमें सबकुछ ठीक पाया गया। बस मेंक्षमता से अधिक यात्री सवार भी सवार नहीं थे। उन्होंने बताया कि, हादसे में जान गवाने वाले अधिकतर यात्री खरगोन जिले के हैं और अन्य बड़वानी जिले के हैं। फिलहाल, जांच के बाद हादसे की मूल वजह का खुलासा हो सकता है।